Aug 27, 2018

ताईची पोळी

पहाटेची वेळ | पक्ष्यांची किलबिल |
जग सारे उठे | संसारनियम ||

झुंजुमुंजु होई | अवनी लख्ख होई |
माझ्या गं ताईची | लगबग ||

दाजींचा डबा | मामंजींचा चहा |
ताईची धांदल | पहाटेला ||

आजीची देवपूजा | मुलांची अंघोळ |
ताईची धांदल | पहाटेला ||

तीच कणिक ती | तेच तेल पाणी |
ताई कणिक मळी | जगावेगळी ||

ताई पोळी लाटी | किती गोलगोल |
तव्यावर उलटी | हलक्या हाती ||

गव्हाची दुनिया | ताईची किमया |
पोळीचा दरवळ | पसरे सदनी ||

किती ते पापुद्रे | गव्हाळ तो रंग |
पोळी नव्हे ते | अमृत खमंग ||

ताईची पोळी | कशी लुसलुशीत |
ताजी ताजी खावी | तुपासंग ||

खरपूस गंध | सुटे माझा धीर |
ताईची पोळी खाण्या | उठे मला भूक ||

भास्वती माझी ताई | जणू अन्नपूर्णा |
सर्वांसाठी झटे | रात्रंदिन ||

आज माझी ताई | कशी दूर देशी |
पोळी परदेशी | सुगंध माझ्या मनी ||

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