May 26, 1979

मंगलपंचक (परेशसाठी)

वंदी महन्मंगलेशा गणेशा कुलेशा महेशा प्रति |
प्रार्थी मनीं उपसुरेशा 'परेशा' शुभेशानी देवी अदिति ||
ध्यानी धरि वीरपुरुषा यतीशा महातेजशा पूर्वजा |
जो आशिषा देई क्लेशास नुरवी लवलेशा सुखवी आत्मजा ||१||
|| शुभमंगल सावधान ||

अज्ञान जाणुनि शुभज्ञान आकळुनि विज्ञानकंद मिळवी |
प्रज्ञा तुझी मंगलज्ञा महागुरु अज्ञानताप नुरवी ||
अज्ञान देवुनि नवज्ञान जो मिळवी प्रज्ञानस्पंदचरण |
सूज्ञा पिता तव श्रुतिज्ञान देई वरि धन्या तपानुचरण  ||२||
|| शुभमंगल सावधान || 

संध्याव्रतानुचरण  वंधा न ते स्वस्वरुपानुसंधान ते |
अंधानुकरण नाही बंधांत टाकि जरी संधारणी बुद्धिते ||
सूर्या नमस्कार विषयीं तिरस्कार सत्कारि स्वाहाग्निते |
संस्कार मौंजिविधि परिष्कार बुद्धिवैभवाचा जरा लक्ष दे ||३||
|| शुभमंगल सावधान || 

स्वाध्याय श्रेष्ठजनीं सुखाध्याय तो विपत्यनध्याय हे निश्चित |
अध्याय ओळखुनि बुद्ध्या निदिध्यासी अध्यरुत ना शाश्वत ||
ते ध्यान मंगल परंध्यान वेदमय बकध्यान सृष्टिप्रति |
वेध्यासवेधि अवबोध्यास बोधि अनिरोध्या तुझी सन्मति ||४||
|| शुभमंगल सावधान ||

शक्ति तुझी रक्षुदे पुण्यवंतांस युक्ति तशी श्रुतिमता |
उक्ति सकलमंगलाते भजुदे  चिंती सदा सदसदा ||
भक्ति सदा धर्मकर्मांत राखी धरुनि चित्ती स्वयंमंगला |
मुक्तींत ठेवि अनुरक्ति परेशा स्ववंशास दे मंगला ||५||
|| शुभमंगल सावधान ||